आगरा : कोरोना मरीज की मौत के बाद आगरा में अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है। आगरा स्वास्थ्य विभाग और पोस्टमार्टम कर्मचारियो की चूक के चलते एक मुस्लिम शख्स का हिंदू रीति से अंतिम संस्कार हो गया। मामला कुछ इस तरह था, शोएब के पिता की 10 मई को कोरोना वायरस के कारण मौत हो गई। परिवार में कोहराम मच गया। तमाम प्रक्रियाएं पूरी करने के नाम पर अस्पताल शव देने में देरी करता रहा। इस बीच शव को सुपुर्द-ए-खाक करने के लिए क़ब्रिस्तान में क़ब्र भी खुदवा दी गई।

जब शोएब और उनके परिजन पिता का शव लेने एसएन मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे तो कर्मचारियों ने बताया कि शव तो पहले ही सौंपा जा चुका है। परेशान परिजनों के दबाव के बाद जब जांच की गई तो पता चला कि शोएब के पिता का शव मनोज नाम के एक शख्स को दे दिया गया है। जब तक शोएब मनोज तक पिता का शव लेने पहुंचते, शख्स की चिता सजाकर अंतिम संस्कार किया जा चुका था। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग ने शव के बदलने को लेकर जांच के आदेश दे दिए हैं।

माना जा रहा है कि आगरा जिला स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों की लापरवाहियों के चलते ही शवों में अदला बदली हुई। शहर में कुछ लोग इसे धार्मिक रंग भी देने में जुटे हैं।खासकर मुस्लिम शख्स के हिंदू रीति से अंतिम संस्कार पर आपत्तियां जताई जा रही है। जिस मनोज नाम के शख्स को मुस्लिम व्यक्ति का शव सौंपा गया उसके परिजन की डेड बॉडी का पता नहीं चल पा रहा है।

शोएब ने दुखी होते हुए बताया कि पांच दिनों पहले ही उसकी मां का देहांत हुआ था। पूरा परिवार परेशान था, फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की लापरवाहियों ने उन्हें मुश्किल में डाल दिया है। परिवार में बचे शोएब और उनके छोटे भाई का रो रोकर बुरा हाल है। अकेले आगरा जिले में कोरोना वायरस से अब तक 25 लोगों की मौतें हो चुकी है। आगरा मेयर नवीन जैन ने शव बदलने के मामले में संज्ञान लिया है साथ ही नवीन जैन ने पीड़ित परिवारों को ढांढस बंधाया। तात्कालिक कार्रवाई करते हुए CMO एके वत्स को हटाकर RC पांडेय को उनकी जगह तैनात किया गया है।

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